195साहित्यकार कवि लेखकों और शोधकर्ताओं के बीच संपन्न हुआ नेपाल के पोखरा में साहित्य महोत्सव का पांचवा सम्मेलन
भारत नेपाल साहित्य महोत्सव का पांचवां सम्मेलन 22 -24 फरवरी 2024 तक नेपाल के खूबसूरत शहर पोखरा के पृथ्वी नारायण कैंपस के गंडकी प्रज्ञा प्रतिष्ठान के भानू सभागृह में दोनो देशों के लगभग 195 साहित्यकार, कवि, लेखक एवम् शोधकर्ताओं
की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
22 फरवरी 2024 को कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ नेपाल के ज्योतिष के विभागाध्यक्ष डा. बलराम उपाध्याय रेग्मी की अध्यक्षता में वरिष्ठ साहित्यकार श्री सारुभक्त श्रेष्ठ, गंडकी प्रज्ञा प्रतिष्ठान के कुलपति श्री पद्मराज ढकाल, बर्दघाट प्रतिष्ठान के कुलपति श्री घनश्याम न्योपाने ‘परिश्रमी ‘ नेपाल में भारत के दूतावास अधिकारी श्री सत्येन्द्र दाहिया,
मेरठ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विघ्नेश कुमार तथा क्रांतिधारा के साहित्य अकादमी के डा. विजय पंडित की उपस्थिति में दीप प्रज्वलन और भारत नेपाल के राष्ट्र गीत के साथ ही प्रारंभ हुआ। द्वितीय सत्र में लघुकथा, कहानी, एवम् कविता वाचन का रहा। पूरे कार्यक्रम का उत्कृष्ट संचालन सुश्री पौडेल बिमुंस ने नेपाली और हिंदी दोनो भाषाओं में अपनी सुमधुर अंदाज में प्रस्तुत कर चार चांद लगा दी।
23 फरवरी 2024 को प्रथम सत्र में शोधपत्र, इतिहास एवम् भारत नेपाल के संबंधों पर प्रतिभागियों ने अपने अपने विचार रखे और उसे आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। द्वितीय सत्र कवि सम्मेलन का रहा, जिसके मुख्य अतिथि पटना के श्री मधुरेश नारायण एवम् विशिष्ठ अतिथि रायपुर छत्तीसगढ़ के श्री कोमल प्रसाद राठौर एवम् श्री मनीष शुक्ला लखनऊ को आसंदी पर बैठाया गया। विशिष्ठ अतिथि के रूप में श्री कोमल प्रसाद राठौर ने भारत नेपाल के संबंधों पर अपनी कविता प्रस्तुत किया :–
” भाई थे हम सगे कभी पर अब हुए सहोदर हैं।खींची है रेखा सीमा की फिर भी प्यार बराबर है।”
इस क्रम में हरियाणा के डा.त्रिलोकचंद, भोपाल के श्री सुरेश अजनबी, एवम् अन्य सभी उपस्थित कवियों ने अपने अपने अंदाज में अपनी कविताओं की प्रस्तुति दी। सभी प्रतिभागियों को भारत नेपाल साहित्य रत्न सम्मान, मोमेंटो, अंगवस्त्र, तथा रुद्राक्ष की माला से सम्मानित किया गया।
24 जुलाई 2024 के सत्र में भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करते हुए अगले वर्ष नेपाल के किसी नए शहर में आयोजन करने का संकल्प पारित कर समापन किया गया।